दो नैन कजरारे
ताकतें रहते राह दो नैन कजरारे
जाने कब आएंगे मेरे प्रियतम प्यारे
दिन बीते मास बीते बीत गए वर्ष रे
अखियाँ तरस गई आ जाओ प्यारे
नजरों का दोष है या दिल का कसूर
हो गया है प्यार दिल हवाले तुम्हारे
होता है दर्द बड़ा प्रियतम जुदाई का
अभी तक राह देखूँ तेरी बाहें पसारे
मिलता है प्यार यहाँ नसीब वालों को
जहाँ भी हो तुम चले आओ मेरे सहारे
होती है जालिम बड़ी दुनिया प्यार की
नजर बचा के आओ अखियों के तारे
देखो कहीं कारवां प्यार का छूटे ना
देखो कहीं मर जाऊँ बिन प्यार तुम्हारे
ताकते रहते राह दो नैन कजरारे
जाने कब आएंगे मेरे प्रियतम प्यारे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत