दो दिलों का मेल है जिंदगी
दो दिलो का मेल है जिंदगी
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दो दिलों का मेल है जिंदगी,
विचारों की सेल है जिंदगी।
बेमेल रूहों का हो मिलन,
बना देती रेल है जिंदगी।
खतरे में हो कभी जिंदगानी,
तो समझ लो जेल है जिंदगी।
हँसते खेलते कट जाए डगर,
दो पलों का खेल है जिंदगी।
रंज में लीन हो गर मनसीरत,
निकाल देती तेल है जिंदगी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)