Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 1 min read

दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे

दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे

महल अटारी सब छूटेंगे
खाली हाथ है , जाना रे बन्दे

क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे

क्या लाया था , इस जग में तू
क्या साथ ले जाएगा

भाग रहा भौतिक जग में तू
मोक्ष राह से भटक जाएगा रे बन्दे

क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे

क्या है मेरा , क्या है तेरा
ये जग है , माया का फेरा

साँसों की माला कब टूटेगी
समझ नहीं आयेगा , तुझे रे बन्दे

क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे

दीन दुखियों की परवाह कर तू
कुछ कर्म इंसानियत की राह कर तू

क्यूँ कर माया के पीछे दौड़े
चल आध्यात्म की राह रे बन्दे

क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे

चिंतन में तुम , प्रभु को धारो
जीवन अपना धर्म राह में वारो

जीवन नैया तेरी डगमग डोले
क्यूँ करता मनमानी रे बन्दे

क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे

अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

Language: Hindi
1 Like · 103 Views
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

स्त्रियां, स्त्रियों को डस लेती हैं
स्त्रियां, स्त्रियों को डस लेती हैं
पूर्वार्थ
4481.*पूर्णिका*
4481.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कप और ग्रिप
कप और ग्रिप
sheema anmol
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरी खुशियों में शरीक
तेरी खुशियों में शरीक
Chitra Bisht
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
🙅आज का आभास🙅
🙅आज का आभास🙅
*प्रणय*
अछूत
अछूत
Lovi Mishra
দৃশ্যপট
দৃশ্যপট
Sakhawat Jisan
माई कहाँ बा
माई कहाँ बा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
याद है मुझे
याद है मुझे
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
" डर "
Dr. Kishan tandon kranti
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
Rachana
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
Dr fauzia Naseem shad
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
बाण मां री महिमां
बाण मां री महिमां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कृपण
कृपण
Rambali Mishra
गुलिस्तान के फूल
गुलिस्तान के फूल
शिवम राव मणि
संकल्प
संकल्प
Davina Amar Thakral
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
सत्य कुमार प्रेमी
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
गुमनाम सा शायर हूँ अपने  लिए लिखता हूँ
गुमनाम सा शायर हूँ अपने लिए लिखता हूँ
Kanchan Gupta
क्षणिक सुख ...
क्षणिक सुख ...
sushil sarna
जीवन की बगिया में
जीवन की बगिया में
Seema gupta,Alwar
बच्चों की दुनिया: माँ या मोबाइल
बच्चों की दुनिया: माँ या मोबाइल
Sudhir srivastava
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रूह का छुना
रूह का छुना
Monika Yadav (Rachina)
अपने जीवन में सभी सुधार कर सकते ।
अपने जीवन में सभी सुधार कर सकते ।
Raju Gajbhiye
Loading...