Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2020 · 1 min read

*”दो जून की रोटी “*

“दो जून की रोटी”
चलते चलते वक्त का पहिया मानो जैसे थम सा गया है।
दरबदर ठोकरें खाते हुए न जाने क्यों बिखर गया है।
हौसले बुलंद हैं मगर हालातों से, लाचार बेबस और मजबूर हो गया है।
दो जून की रोटी की तलाश में न जाने कहां कहाँ भटक रहा है।
दर्दनाक हादसों संवेदनाओं से पलायन का दौर रोजी रोटी छीनता गया है।
भूखे प्यासे रहकर नंगे पैर हजारों मील दूरी फासलों को तय करते हुए बढ़ते चला है।
मंजिल तय करते हुए घर पहुंच कर रोटी के लाले पड़ गए काम पेशा बदल गया है।
दो जून रोटी की खातिर बेबस ,लाचार मजबूर हो गया है।
मेहनतकश इंसान आज बेहाल निढाल कमजोर निःसहाय हो गया है।
जीवन भर कठिन परिश्रम करता रोजी रोटी की तलाश में संघर्षो से जूझ रहा है।
दो जून रोटी की तलाश में न जाने क्यों मानव शरीर इधर उधर भटक रहा है।
शशिकला व्यास ✍️

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 401 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हम जंगल की चिड़िया हैं
हम जंगल की चिड़िया हैं
ruby kumari
इक शे'र
इक शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
पूर्वार्थ
मन
मन
Happy sunshine Soni
Yesterday ? Night
Yesterday ? Night
Otteri Selvakumar
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
डी. के. निवातिया
■ दोहात्मक मंगलकामनाएं।
■ दोहात्मक मंगलकामनाएं।
*Author प्रणय प्रभात*
हिंदू धर्म की यात्रा
हिंदू धर्म की यात्रा
Shekhar Chandra Mitra
कुछ लोग अच्छे होते है,
कुछ लोग अच्छे होते है,
Umender kumar
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दिल के दरवाज़े
दिल के दरवाज़े
Bodhisatva kastooriya
सजधज कर आती नई , दुल्हन एक समान(कुंडलिया)
सजधज कर आती नई , दुल्हन एक समान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
बचपन की सुनहरी यादें.....
बचपन की सुनहरी यादें.....
Awadhesh Kumar Singh
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
Shankar N aanjna
अमीर घरों की गरीब औरतें
अमीर घरों की गरीब औरतें
Surinder blackpen
23/135.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/135.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
shabina. Naaz
हमारे प्यारे दादा दादी
हमारे प्यारे दादा दादी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दिल पर साजे बस हिन्दी भाषा
दिल पर साजे बस हिन्दी भाषा
Sandeep Pande
"वो पूछता है"
Dr. Kishan tandon kranti
कर्म ही हमारे जीवन...... आईना
कर्म ही हमारे जीवन...... आईना
Neeraj Agarwal
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
Bidyadhar Mantry
महिला दिवस
महिला दिवस
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
कान्हा तेरी नगरी
कान्हा तेरी नगरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वोट का सौदा
वोट का सौदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
* काव्य रचना *
* काव्य रचना *
surenderpal vaidya
गांधीजी का भारत
गांधीजी का भारत
विजय कुमार अग्रवाल
उल्फत अय्यार होता है कभी कबार
उल्फत अय्यार होता है कभी कबार
Vansh Agarwal
Loading...