दो खग उड़े गगन में , प्रेम करते होंगे क्या ?
दो खग उड़े गगन में
प्रेम करते होंगे क्या ?
जब कभी सूर्य लालिमा, पड़ती होगी इन पर
ये भी एक दूसरे को छेड़ते होंगे क्या ?
साथ चुगना साथ उड़ना
बस दिखता हैं, मुझको इनमें
ये भी खुले गगन में प्रेम करते होंगे क्या ?
खुले आसमा में उड़ना और प्रेम करना
बस ये ही जीवन का आधार इनका
कभी एक दूजे से, ये भी बिछड़ते होंगे क्या ?
यदि इन पंछियों में से इक को
क़ैद पिंजरे में कैद करलें कोई
ये भी इक दूसरे बिन जी सके होंगे क्या ?
क़ैद पंछी को पिंजरे में
सब सुख सुविधाएं हैं
पिंजरा भी सोने का है
है हीरे मोती भी उस पर जड़े
दूजे पंछी का उसके बिन
उड़ना लगे मुश्किल बड़ा
जो कभी इस गगन में
कभी गोते लगाया करता था
क्या क़ैदी पंछी
दाना पानी खाता होगा
क्या दूजा पंछी उसे थोड़ा याद आता होगा
क्या वो भी रात में रोता होगा
क्या उसे भी अब चैन आता होगा
शायद! वो पिंजरे की शानो शौक़त देख
दूजे पंछी को भूल गया होगा
✍️ D. K