दो अक्टूबर
दोनों फूलों ने हिन्दुस्तान को महकाया,
भारत के वीर सपूत होने का वचन निभाया।
एक ने जय जवान-जय किसान का नारा दिया,
डूबते हुए भारत को मजबूत सहारा दिया।
बापू ने कहा- “रघुपति राघव राजा राम,”
दिलायी आजादी देश को जो था वर्षों गुलाम।
शास्त्री कद के छोटे थे, पर काम बड़े थे,
सीधे-सादे मृदुल स्वभाव पर अनुशासन कड़े थे।
दोनों सितारे हिन्दुस्तान के प्यारे थे,
जनता के मन की राहत आंखों के तारे थे,
अन्त समय तक देश की सेवा करते रहे
जान हथेली पर रखकर चलते रहे।
दोनों वीर सपूतों के लिए नित्य गुण गायेंगे,
आज उनके जन्मदिन पर शीश झुकाएं ।
नूर फातिमा खातून “नूरी” (शिक्षिका)
जिला-कुशीनगर
उत्तर प्रदेश