दोहे
मनु सत रूपा दो जने, जिनकी हम सन्तान।
जात धर्म है कुछ नही, संतो तुम लो जान।। १
आया है तो जायेगा, क्यो करता मन खेद ।
जात धर्म तन कर्म का, अभी भूल जा भेद।। २
मनु सत रूपा दो जने, जिनकी हम सन्तान।
जात धर्म है कुछ नही, संतो तुम लो जान।। १
आया है तो जायेगा, क्यो करता मन खेद ।
जात धर्म तन कर्म का, अभी भूल जा भेद।। २