Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2019 · 1 min read

दोहे

(1)
मानवता का मूल है, क्षमा, सत्य वरदान।
मानव उर में ही निहित, ईश्वर की पहचान।।
(2)
क्षमा शील हो मित्र यदि,नेह मित्र से होय।
राग द्वेष या ईर्ष्या, मित्र न जाने कोय।।
(3)
सत्य व करूणा प्रेम शुचि, ईश्वर के वरदान।
मानव मानें यदि इसे,जीवन हो गतिमान।।

डा. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,
वरिष्ठ परामर्श दाता
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।उ.प्र.

Language: Hindi
449 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
डॉक्टर रागिनी
सोच के दायरे
सोच के दायरे
Dr fauzia Naseem shad
फेसबुक
फेसबुक
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नमन तुम्हें नर-श्रेष्ठ...
नमन तुम्हें नर-श्रेष्ठ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ज़माना साथ था कल तक तो लगता था अधूरा हूँ।
ज़माना साथ था कल तक तो लगता था अधूरा हूँ।
*प्रणय प्रभात*
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
Priya princess panwar
एक तुम्हारे होने से....!!!
एक तुम्हारे होने से....!!!
Kanchan Khanna
इन दिनों शहर में इक अजब सा माहौल है,
इन दिनों शहर में इक अजब सा माहौल है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
23/18.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/18.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दादी की कहानी (कविता)
दादी की कहानी (कविता)
गुमनाम 'बाबा'
"अजीज"
Dr. Kishan tandon kranti
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
Dr. Narendra Valmiki
चले ससुराल पँहुचे हवालात
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*मनमौजी (बाल कविता)*
*मनमौजी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
রাধা মানে ভালোবাসা
রাধা মানে ভালোবাসা
Arghyadeep Chakraborty
*”ममता”* पार्ट-1
*”ममता”* पार्ट-1
Radhakishan R. Mundhra
* करते कपट फरेब *
* करते कपट फरेब *
surenderpal vaidya
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
नेताम आर सी
नन्ही मिष्ठी
नन्ही मिष्ठी
Manu Vashistha
........
........
शेखर सिंह
प्यारी प्यारी सी
प्यारी प्यारी सी
SHAMA PARVEEN
मन की मनमानी से हारे,हम सब जग में बेचारे।
मन की मनमानी से हारे,हम सब जग में बेचारे।
Rituraj shivem verma
सुनील गावस्कर
सुनील गावस्कर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
*****वो इक पल*****
*****वो इक पल*****
Kavita Chouhan
नारी शक्ति का हो 🌹🙏सम्मान🙏
नारी शक्ति का हो 🌹🙏सम्मान🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...