आदर्श बनें
बाट रहे उपदेश सब , रहे खुदी ना मान।
आदर्श बने स्वयं जब , मानें सारे ज्ञान।।
आदत अच्छी मान दे , सीखो सदैव ठान।
सबके मन की शान हो , सभी रहें कुर्बान।।
प्रीतम रहिए प्रेम से , रखिए न हृदय खार।
भाड़े का संसार घर , रहना है दिन चार।।
आर.एस.”प्रीतम”