#दोहे
#दोहे
1
बदला-बदला दौर है ,बदला बदला रूप।
मुद्दत से उतरी नहीं, आंगन में अब धूप।।
2
आई विपदा पूछने, कैसा मेरा हाल।
बोली सुइयां घड़ी से, अद्भुत तेरी चाल।।
सूर्यकांत
#दोहे
1
बदला-बदला दौर है ,बदला बदला रूप।
मुद्दत से उतरी नहीं, आंगन में अब धूप।।
2
आई विपदा पूछने, कैसा मेरा हाल।
बोली सुइयां घड़ी से, अद्भुत तेरी चाल।।
सूर्यकांत