दोहे-
लोग तजुर्बेकार जो ,करें यही ताकीद।
हार मानकर वक्त से,मत छोड़ो उम्मीद।।1
प्यार जिन्हें करते रहे,लोग सदा भरपूर।
धीरे – धीरे जा रहे ,वे दुनिया से दूर।।2
जाता है जब छोड़कर,कोई अपना खास।
हो जाती हैं धड़कनें,सुनकर खबर उदास।।3
डाॅ बिपिन पाण्डेय