दोहे
???कोरोना काल???
दोहे
नये रूप में फिर आया,ये कोरोना काल।
सबको उलझन हो रही,विकट हुआ यह साल।।
कोई भी बीमार हो, डरे-डरे से जायं।
वेक्सिन लगवाना ही,सीधा एक उपाय।।
घर से निकलो कभी भी,मास्क पहना जाय।
लाचारी हर मानव कि,कैसी आफत हाय।।!!!!
सुषमा सिंह उर्मि