दोहे
आज के दोहे
जीना मरना सब रहा, केवल कुदरत हाथ।
जीते जी संबंध हैं, जीते जी का साथ।।
कितने करवा चौथ कर, आयु सुनिश्चित मान।
घटे-बढ़े बिल्कुल नहीं, कुदरत का वरदान।।
आयु लंबी होए नहीं, रख कितने उपवास।
तर्क करो तो ज्ञात हो, बात आम या खास।।
उपयोगी उपवास है, रखता सेहत ठीक।
जकड़ अंधविश्वास की, अशुभ बताए छींक।।
बिल्ली रास्ता काट दे, कहता बिगड़े काज।
बिल्ली अपने राह थी, बेतुक तेरा साज।।
वार नहीं अच्छे बुरे, सब दिन एक समान।
सही सोच से करे तो, हर कारज आसान।।
सिल्ला विनोद बच गया, कर वैज्ञानिक सोच।
पाखंड कहां छोड़ता, लेता सब को नौच।।
-विनोद सिल्ला