दोहे
तोल मोल कर बोल रे, कटुवाणी दे छोड़।
आहत करके किसी को, यूॅं रिश्ते ना तोड़।
इंसान की वाणी में , बसते हैं भगवान।
मधुर वचन बोलकर तू, करले अनुपम दान।
तोल मोल कर बोल रे, कटुवाणी दे छोड़।
आहत करके किसी को, यूॅं रिश्ते ना तोड़।
इंसान की वाणी में , बसते हैं भगवान।
मधुर वचन बोलकर तू, करले अनुपम दान।