Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Jatashankar Prajapati
42 Followers
Follow
Report this post
20 May 2020 · 1 min read
दोहे
हैं सड़कों पर कर रहे, देखो ऐसा पूण्य।
बदले में हैं ले रहे, केवल केवल शून्य।।
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
1 Like
· 617 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
" सच्ची परिभाषा "
Dr. Kishan tandon kranti
सच को कभी तुम छुपा नहीं सकते
gurudeenverma198
🍁तेरे मेरे सन्देश- 9🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Shankarlal Dwivedi reciting his verses and Dr Ramkumar Verma and other literary dignitaries listening to him intently.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
आँख मिचौली जिंदगी,
sushil sarna
वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
Shreedhar
*जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
Nakul Kumar
हम भी तो गुज़रते हैं,
Dr fauzia Naseem shad
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
Manoj Mahato
कभी तो ये शाम, कुछ यूँ गुनगुनाये, कि उसे पता हो, इस बार वो शब् से मिल पाए।
Manisha Manjari
अलाव की गर्माहट
Arvina
इक ज़िंदगी मैंने गुजारी है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विश्व कप-2023 फाइनल
गुमनाम 'बाबा'
मैं उड़ना चाहती हूं
Shekhar Chandra Mitra
Natasha is my Name!
Natasha Stephen
विराम चिह्न
Neelam Sharma
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
Krishna Manshi
" स्त्री 2 से लौटेगी बॉक्स ऑफिस की रौनक़ " - रिपोर्ट
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
!! शिव-शक्ति !!
Chunnu Lal Gupta
राजस्थानी भाषा में
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मेरी माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
Nilesh Premyogi
#गीत :--
*प्रणय*
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
यदि आप किसी काम को वक्त देंगे तो वह काम एक दिन आपका वक्त नही
Rj Anand Prajapati
Me and My Yoga Mat!
R. H. SRIDEVI
मैं हिन्दुस्तानी !
Shyam Sundar Subramanian
4517.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...