दोहे—हिन्दी से है हिन्दुस्तान
मंच को नमन
कविता
शीर्षक—- हिन्दी से है हिन्दुस्तान
*************************
1.
सरल सरस सब को लगे, भाषा हिन्दी ज्ञान।
शब्द शब्द रस ही घुले, अक्षर अक्षर भान।।
2.
बसता जिसमें प्यार है, कोमल कोंपल भाव ।
सौम्य और शालीन ही, शीतल शील जुड़ाव ।।
3.
हिन्दी जन मन में बसे, रहे गर्व स्वाभिमान।
पुष्पित हर्षित ही सदा, प्यारा हिन्दुस्तान।।
4.
जग में हिन्दी श्रेष्ठ है, जैसे बिन्दी भाल।
निजगुण शोभा ही बढ़े, विकसित होती चाल।।
5.
प्रेम विहारी ही रचे, राष्ट्र का संविधान।
दोनों भाषा में लिखे, हिन्दी में पहचान।।
6.
जगमें ऊँचा ही रहे, नाम और पहचान।
शब्द शब्द का ज्ञान ही, विश्व गुरू का मान।।
7.
हिन्दी ही पहचान है, फलता हिन्दुस्तान।
बढ़ती सबकी शान है, बसती जिसमें जान।।
शीला सिंह बिलासपुर हिमाचल प्रदेश ?