Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2021 · 1 min read

दोहे “हर मुश्किल आसान”

” हर मुश्किल आसान ” दोहा

कोशिश करने से हुई, हर मुश्किल आसान।
भाग्य भरोसे बैठकर, रोता हर इंसान।।

दुर्गम शैल शिखर चढ़े, कर्मवीर बलवान।
श्रम साधक बन कर सके, हर मुश्किल आसान।।

ध्यान लगा निज कर्म पर, दूर करो व्यवधान।
लक्ष्य साध की पार्थ ने, हर मुश्किल आसान।।

स्वेत रक्त से सींचकर, खेती करे किसान।
साहस,कर्म बना सके, हर मुश्किल आसान।।

बैर-भाव अंतस समा, खोया जग सम्मान।
मृदुभाषी बनकर हुई, हर मुश्किल आसान।।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी (उ. प्र.)

Language: Hindi
179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
Kisne kaha Maut sirf ek baar aati h
Kisne kaha Maut sirf ek baar aati h
Kumar lalit
सितारा कोई
सितारा कोई
shahab uddin shah kannauji
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नववर्ष का आगाज़
नववर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
फूल खिलते जा रहे
फूल खिलते जा रहे
surenderpal vaidya
"निर्णय आपका"
Dr. Kishan tandon kranti
मारी - मारी फिर रही ,अब तक थी बेकार (कुंडलिया)
मारी - मारी फिर रही ,अब तक थी बेकार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
Bhupendra Rawat
"हाथों की लकीरें"
Ekta chitrangini
"भोर की आस" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अंधभक्तो को जितना पेलना है पेल लो,
अंधभक्तो को जितना पेलना है पेल लो,
शेखर सिंह
!! जलता हुआ चिराग़ हूँ !!
!! जलता हुआ चिराग़ हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
2390.पूर्णिका
2390.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
" एक थी बुआ भतेरी "
Dr Meenu Poonia
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
Ram Krishan Rastogi
" समय बना हरकारा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
VINOD CHAUHAN
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
आज बाजार बन्द है
आज बाजार बन्द है
gurudeenverma198
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
Rj Anand Prajapati
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
नेताम आर सी
सरसी छंद और विधाएं
सरसी छंद और विधाएं
Subhash Singhai
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शिव मिल शिव बन जाता
शिव मिल शिव बन जाता
Satish Srijan
"When the storms of life come crashing down, we cannot contr
Manisha Manjari
■ चल गया होगा पता...?
■ चल गया होगा पता...?
*Author प्रणय प्रभात*
अरमानों की भीड़ में,
अरमानों की भीड़ में,
Mahendra Narayan
मजदूर दिवस पर विशेष
मजदूर दिवस पर विशेष
Harminder Kaur
Loading...