Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2023 · 1 min read

दोहे – सुलह

नज़र रख विचारों पर, खोज ले अपनी कमी
उठने वाला तूफां उड़ा लेगा पैरों तले जमीं
.
चिंता भविष्य की त्याग तत्क्षण ले संभाल
अनुभव अतीत का उतारे पार रखे ख्याल.
.
तुमने पढ़ी सबने रामायण गीता कुरान
तुम तुम रहे मैं मैं बताओ कोई पहचान .
.
जल अशुद्धता बढ़ गई,घर घर लगी मशीन
पीने को पानी नहीं, क्या करे बेचारे किसान.
.
पौध हलके बीज लगी, झड़त बढ़ी बेशुमार,
खाओ यूरिया पीकर शराब स्वादिष्ट अचार.
.
पेड़ लगाओ काया सुख छाया ईंधन मुख
सबके सहायक होता नहीं कोई विमुख.
.
संपदा पर जो कब्जा करे वो ही पितर
पशु पक्षी पंथी सब वंचित बैठे किधर.
.
जलाशय सब सूख गये बिन जल सब सून
मोटर चलाकर फर्श धोये तब मिले सुकून.
.
एक वचन बहुत है संभल कर चलने वास्ते,
सुने सुनाये आरती दुर्घटना बनी रहे सास्ते.
.
पंच पच्चीसी के खेल में सुलझ सके सुलझ,
लुट जायेगा बहुत कुछ समझ सके समझ.

Language: Hindi
79 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
शब्दों की मशाल
शब्दों की मशाल
Dr. Rajeev Jain
"नेवला की सोच"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उत्थान राष्ट्र का
उत्थान राष्ट्र का
इंजी. संजय श्रीवास्तव
કેમેરા
કેમેરા
Otteri Selvakumar
मां महागौरी
मां महागौरी
Mukesh Kumar Sonkar
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
Keshav kishor Kumar
तुम नहीं बदले___
तुम नहीं बदले___
Rajesh vyas
The battle is not won by the one who keep complaining, inste
The battle is not won by the one who keep complaining, inste
पूर्वार्थ
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आलस मेरी मोहब्बत है
आलस मेरी मोहब्बत है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
Shreedhar
"आज का विचार"
Radhakishan R. Mundhra
निर्मेष के दोहे
निर्मेष के दोहे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ज़िंदगी  ने  अब  मुस्कुराना  छोड़  दिया  है
ज़िंदगी ने अब मुस्कुराना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
😊
😊
*प्रणय प्रभात*
"कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है,
शेखर सिंह
4377.*पूर्णिका*
4377.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज का युवा कैसा हो?
आज का युवा कैसा हो?
Rachana
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
VINOD CHAUHAN
मौन
मौन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हर जमीं का आसमां होता है।
हर जमीं का आसमां होता है।
Taj Mohammad
मेरी कविता
मेरी कविता
Raju Gajbhiye
संवेदना...2
संवेदना...2
Neeraj Agarwal
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
तेरी हुसन ए कशिश  हमें जीने नहीं देती ,
तेरी हुसन ए कशिश हमें जीने नहीं देती ,
Umender kumar
सावन भादों
सावन भादों
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
****स्वप्न सुनहरे****
****स्वप्न सुनहरे****
Kavita Chouhan
थोड़ा पैसा कमाने के लिए दूर क्या निकले पास वाले दूर हो गये l
थोड़ा पैसा कमाने के लिए दूर क्या निकले पास वाले दूर हो गये l
Ranjeet kumar patre
Loading...