दोहे संचय
जोड़ लिया कण कण
हो गया मण मण
असंयमित हुआ मन
कण बचा न मण
.
दुविधा में घनश्याम पडे
एक गऊ ये हालात
मांगा दान मिली नहीं
बिगडे आज बिसात
.
सबकी अपनी-२ सत्ता
पिता पुत्र दादा बहन
पुत्र बहन की ललकार
हुआ होलिका दहन
.
जोड़ लिया कण कण
हो गया मण मण
असंयमित हुआ मन
कण बचा न मण
.
दुविधा में घनश्याम पडे
एक गऊ ये हालात
मांगा दान मिली नहीं
बिगडे आज बिसात
.
सबकी अपनी-२ सत्ता
पिता पुत्र दादा बहन
पुत्र बहन की ललकार
हुआ होलिका दहन
.