Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

#दोहे (व्यंग्य वाण)

#दोहे (व्यंग्य वाण)

अंतर्मन की चाह पर,कब चलता इंसान।
द्वेष कलह पाखंड से , जीवन भर हैरान ।।

बुद्धि ज्ञान विवेक बहुत,बहरे मानव कान।
अंदर की आवाज पर,दिया नहीं है ध्यान।।

अंतर्मन कहता सदा,क्यों बनता शैतान।
कर्म धर्म के मार्ग से, खोज यहाँ भगवान ।।

चौरासी के चक्र का,अंतर्मन को ज्ञान ।
मन माया में उलझकर,भूला प्रभु अहसान ।।

कुटिल चाल मन ने चली,मिला बुद्धि का साथ।
काया माया के लिए,नवा रहा नित माथ।।

अंतर्मन टोके बहुत,पावन मानव देह।
विरला मानव सुन सका,अंतर्मन प्रभु गेह।।

सभी आधुनिक हो रहे,देते नाम विकास।
आध्यात्म की खबर नहीं,होता जीव निराश।।

आडम्बर ही आधुनिक,सुख सुविधा हित खेल।
आत्म ज्ञान ओझल हुआ,टूट गया प्रभु मेल।।

राजेश कौरव सुमित्र@

157 Views
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all

You may also like these posts

हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
डॉ. दीपक बवेजा
घनाक्षरी
घनाक्षरी
अवध किशोर 'अवधू'
"नया साल में"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅प्रावधान से सावधान🙅
🙅प्रावधान से सावधान🙅
*प्रणय*
बे-शुमार
बे-शुमार
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
इस दर्द को यदि भूला दिया, तो शब्द कहाँ से लाऊँगी।
इस दर्द को यदि भूला दिया, तो शब्द कहाँ से लाऊँगी।
Manisha Manjari
कैलाश मानसरोवर यात्रा (पुस्तक समीक्षा)
कैलाश मानसरोवर यात्रा (पुस्तक समीक्षा)
Ravi Prakash
To my dear Window!!
To my dear Window!!
Rachana
शांत मन को
शांत मन को
Dr fauzia Naseem shad
एक शपथ
एक शपथ
Abhishek Soni
मुक्तक – आज के रिश्ते
मुक्तक – आज के रिश्ते
Sonam Puneet Dubey
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
पूर्वार्थ
हमराज
हमराज
ललकार भारद्वाज
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* मैं बिटिया हूँ *
* मैं बिटिया हूँ *
Mukta Rashmi
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
gurudeenverma198
*बसंत*
*बसंत*
Shashank Mishra
2718.*पूर्णिका*
2718.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बनी रही मैं मूक
बनी रही मैं मूक
RAMESH SHARMA
घर को जो रोशन करें वह चिराग है बेटियां
घर को जो रोशन करें वह चिराग है बेटियां
Ranjeet kumar patre
सोने का हिरण
सोने का हिरण
Shweta Soni
New Love
New Love
Vedha Singh
सोच
सोच
Srishty Bansal
सभी फैसले अपने नहीं होते,
सभी फैसले अपने नहीं होते,
शेखर सिंह
जहांँ चाह वहाँ राह
जहांँ चाह वहाँ राह
Sudhir srivastava
गुलाब
गुलाब
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
राख देख  शमशान  में, मनवा  करे सवाल।
राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल।
गुमनाम 'बाबा'
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
Mahendra Narayan
भिनसार हो गया
भिनसार हो गया
Satish Srijan
जिंदगी
जिंदगी
Phool gufran
Loading...