“दोहे”– वृक्ष और डाल…
“दोहे” — वृक्ष और डाल…
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वृक्ष लगाइए फलदार , छाया देगा रोज।
वातावरण शुद्ध होगा, सभी करेंगे मौज।।
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उस डाल को न काटिए, जो डाल झुक जाए।
जो डाल आसमान छुये, कभी न फल खिलाए।।
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स्वरचित सह मौलिक
…..✍️ पंकज “कर्ण”
कटिहार।