दोहे मन को भाए
विपदा के इस काल में, मत भूलो ईमान ।
सेवा का यह समय हैं, बने रहो इंसान ।।
काला बाजारी नहीं, करो आप श्रीमान ।
लोभ लालच में पड़कर, मत छोड़ो ईमान ।।
धन कमाने के अवसर, बहुत मिलेंगे यार ।
मानव सेवा कीजिए, पुण्य पाओ हजार ।।
जब रास्ता गलत चुनते, जानबूझकर आप ।
कैसे देव माफ करें, किये हुए सब पाप ।।
समय कभी रुकता नहीं, गुजरेगा यह दौर ।
खुशियाँ होगी हर सदन,निकलेगा नव भौर ।।