दोहे-बेटी
?विषय-बेटी
विधा:दोहा
घर की लक्ष्मी बेटियाँ, भरे सुखों भंडार।
बेटी घर रोशन करे, रोशन कर संसार।।
बेटी घर की हे कली,बेटी होती शान।
बेटी से माता पिता,बेटी राखे आन।।
कभी काली,कभी दुर्गा,लिए देवि अवतार।
पूजे इनको जो सदा,करत सदा उपकार।।
बेटी हरदम साथ दे,दो इनको सम्मान।
गीता रामायण यही,देते हमको ज्ञान।।
कभी न छोड़ें मात को,देती हरदम साथ।
सारे बंधन तोड़ के,बेटी थामे हाथ।।
बेटी की हो विदाई,रोवे सकल जहान।
सखियाँ सब माता पिता,भाई भी बलवान।।
सुषमा सिंह ‘उर्मि,