दोहे – बुखार/ताप/ज्वर
हिंदी दिवस विषय – बुखार
शीत उष्ण में तन रहे,#राना मौसम मार।
अंग-अंग पीड़ा लगे,चढ़ता खूब बुखार।।
यह तन झुलसे ताप से,दे बुखार कुछ ठंड।
#राना लेता जब दवा,निकले स्वेद प्रचंड।।
बारिस में तन भींगता,छींक करे कुछ शोर।
#राना हुआ जुखाम तब,है बुखार का जोर।।
जब बुखार जाता नहीं,तन होता कमजोर।
#राना घर के सोचते,है इलाज किस ओर।।
नेता जी को चढ़ गया,आकर खूब बुखार।
#राना कारण जानिए,मिली चुनावी हार।।
*** दिनांक -3-12-2024
✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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