दोहे-बच्चे
हिंदी दोहा – विषय – बच्चे
#राना बच्चे जानिए , होते पुष्प सरोज |
प्यार उसे घर के करें , देते उसको ओज ||
#राना बच्चे मानिए , घर के हैं कुलदीप |
शिक्षा साहस दो सदा , नैतिकता की टीप ||
मात- पिता के जानिए , बच्चे हैं अरमान |
#राना भरते प्यार से , उनमें गुण की खान ||
बच्चे की माता सुनो , प्रथम गुरू प्रतिमान |
#राना देता है पिता , कर्तव्यों का दान ||
बच्चे बनते जब बड़े , रखें पिता की शान |
हर्षित तब परिवार भी , #राना करता गान ||
एक हास्य दोहा –
#राना से कहती धना , देकर के मुस्कान |
बच्चे जैसा आपका, रखना पड़ता ध्यान ||
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✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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