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3 Jun 2023 · 1 min read

,*********दोहे प्यार के ***********

,*********दोहे प्यार के ***********
******************************

मेघ गरजते गगन में , बूँद गिरे रस धार।
प्यासा मन है बावरा, आ जाओ घर द्वार।

बादल छाये गगन में,बिजली चमके जोर।
अंग प्रत्यंग जल उठे,पिया मिलन की लोर।।

बदली बरसी गगन से,धरा की मिटी प्यास।
पपीहे सा तन प्यासा , मनवा बहुत उदास।।

शीत आर्द्र हवा चली , जाग उठा अनुराग।
तनबदन है सिहर उठा , कौन बुझाए आग।।

मनसीरत पथ देखता , दोनों बाँह पसार।
आ जाओ आलिंगन में , मन में प्रेम अपार।।

-सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
242 Views
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