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10 Feb 2024 · 1 min read

दोहे – डी के निवातिया

दोहे
******

मोल तोलकर बोलिये, वचन के न हो पाँव !
कोइ कथन औषधि बने, कोइ दे घने घाव !!
***

दोस्त ऐसा खोजिये, बुरे समय हो साथ !
सुख में तो बहुरे मिले, संकट न आवे पास !!
***

संगत ऐसी राखिये, जहां मिले सुविचार !
झूठा सारा जग भया, सुसंगत तारे पार !!
***

विद्या मन से पाइये, जा में जग समाय !
जो भी इसमें रम रहा, सो सफल हो जाय !!
***

करम ऐसे तुम कीजे, मन को ठंड मिल जाय !
रात चैन कि नींद मिले, दिन सुख से कट जाय !!
***

स्वरचित: – डी के निवातिया

Language: Hindi
159 Views
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