दोहे जीवन पर
देखो कुछ करीब से,शायद कुछ दिखे
गर है वही सबकुछ,जौहर हों (वोट के) तीखे.
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तेरे कर्म ही पहचान, फिर क्यों अनजान,
नैतिक मूल्य हो संग, ऐसे कर तू प्रबंधन.
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जीव जीव में जीवनी, जीव चक्र तैयार.
बाधा किस बात की, सिरे चढ़ै संसार.।
देखो कुछ करीब से,शायद कुछ दिखे
गर है वही सबकुछ,जौहर हों (वोट के) तीखे.
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तेरे कर्म ही पहचान, फिर क्यों अनजान,
नैतिक मूल्य हो संग, ऐसे कर तू प्रबंधन.
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जीव जीव में जीवनी, जीव चक्र तैयार.
बाधा किस बात की, सिरे चढ़ै संसार.।