दोहे के भेद
दोहों के 23 प्रकार हैँ।
1
भ्रमर दोहा
22 गुरु और 4 लघु वर्ण
भूले भी भूलूँ नहीं, अम्मा की वो बात।
दीवाली देती हमें, मस्ती की सौगात।।
2
सुभ्रमर दोहा
21 गुरु और 6 लघु वर्ण
रम्मा को सुधि आ गयी, अम्मा की वो बात।
दीवाली देती हमें, मस्ती की सौगात।।
3
शरभ दोहा
20 गुरु और 8 लघु वर्ण
रम्मा को सुधि आ गयी, अम्मा की वो बात।
जी में हो आनन्द तो, दीवाली दिन-रात।।
4
श्येन दोहा
19 गुरु और 10 लघु वर्ण
रम्मा को सुधि आ गयी, अम्मा की वो बात।
जी में रहे उमंग तो, दीवाली दिन-रात।।
5
मण्डूक दोहा
18 गुरु और 12 लघु वर्ण
जिन के तलुवों ने कभी, छुई न गीली घास।
वो क्या समझेंगे भला, माटी की सौंधास।।
6
मर्कट दोहा
17 गुरु और 14 लघु वर्ण
बुधिया को सुधि आ गयी, अम्मा की वो बात।
दिल में रहे उमंग तो, दीवाली दिन-रात।।
7
करभ दोहा
16 गुरु और 16 लघु वर्ण
झरनों से जब जा मिला, शीतल मन्द समीर।
कहीं लुटाईं मस्तियाँ, कहीं बढ़ाईं पीर।।
8
नर दोहा
15 गुरु और 18 लघु वर्ण
द्वै पस्से भर चून अरु, बस चुल्लू भर आब।फिर भी आटा गुंथ गया!!!!! पूछे कौन हिसाब?????
9
हंस दोहा
14 गुरु और 20 लघु वर्ण
अपनी मरज़ी से भला, कब होवे बरसात?
नाहक उस से बोल दी, अपने दिल की बात।।
10
गयंद दोहा
13 गुरु और 22 लघु वर्ण
चायनीज़ बनते नहीं, चायनीज़ जब खाएँ।
फिर इंगलिश के मोह में, क्यूँ फ़िरंग बन जाएँ।।
11
पयोधर दोहा
12 गुरु और 24 लघु वर्ण
हर दम ही चिपके रहो, लेपटोप के संग।
फिर ना कहना जब सजन, दिल पे चलें भुजंग।।
12
बल दोहा
11 गुरु और 26 लघु वर्ण
सजल दृगों से कह रहा, विकल हृदय का ताप।
मैं जल-जल कर त्रस्त हूँ, बरस रहे हैं आप।।
13
पान दोहा
10 गुरु और 28 लघु वर्ण
अति उत्तम अनुपम अमित अविचल अपरम्पार
शुचिकर सरस सुहावना दीपों का त्यौहार
14
त्रिकल दोहा
9 गुरु और 30 लघु वर्ण
अति उत्तम अनुपम अमित अविचल अपरम्पार
शुचिकर सरस सुहावना दीपावलि त्यौहार
15
कच्छप कोहा
8 गुरु और 32 लघु वर्ण
अति उत्तम अनुपम अमित अविचल अपरम्पार
शुचिकर सरस सुहावना दीप अवलि त्यौहार
16
मच्छ दोहा
7 गुरु और 34 लघु वर्ण
अति उत्तम अनुपम अमित अविचल अपरम्पार
शुचिकर सुख वर्धक सरस, दीप अवलि त्यौहार
17
शार्दूल दोहा
6 गुरु र 36 लघु वर्ण
अति उत्तम अनुपम अमित अविचल अपरम्पार
शुचिकर सुखद सुफल सरस दीप अवलि त्यौहार
18
अहिवर दोहा
5 गुरु और 38 लघु वर्ण
अति उत्तम अनुपम अमित अविचल अगम अपार
शुचिकर सुखद सुफल सरस दीप अवलि त्यौहार
19
व्याल दोहा
4 गुरु और 40 लघु वर्ण
अचल, अटल, अनुपम, अमित, अजगुत, अगम, अपार
शुचिकर सुखद सुफल सरस दीप अवलि त्यौहार
20
विडाल दोहा
3 गुरु और 42 लघु वर्ण
अचल, अटल, अनुपम, अमित, अजगुत, अगम, अपार
शुचिकर सुखद सुफल सरस दियनि-अवलि त्यौहार
21
उदर दोहा
1 गुरु और 46 लघु वर्ण
डग मग महिं डगमग करत, मन बिसरत निज करम
तन तरसत, झुरसत हृदय, यही बिरह कर मरम
पहले और तीसरे चरण के अंत में 212 प्रावधान का सम्मान रखा गया है तथा दूसरे और चौथे चरण के अंत में 21 पदभार वाले शब्दों के अपभ्रश स्वरूप को लिया गया है
22
श्वान दोहा
2 गुरु और 44 लघु वर्ण
डग मग महिं डगमग करत, परत चुनर पर दाग
तबहि सुं प्रति पल छिन मनुज, सहत रहत विरहाग
23
सर्प दोहा
सिर्फ़ 48 लघु वर्ण
डग मग महिं डगमग करत, मन बिसरत निज करम
तन तरसत, झुरसत हृदय, इतिक बिरह कर मरम
पहले और तीसरे चरण के अंत में 212 प्रावधान का सम्मान रखा गया है तथा दूसरे और चौथे चरण के अंत में 21 पदभार वाले शब्दों के अपभ्रश स्वरूप को लिया गया है।