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17 Feb 2018 · 1 min read

दोहे की दो पंक्तियाँ

दोहे की दो पंक्तियाँ, करती प्रखर प्रहार!
फीकी जिसके सामने,तलवारो की धार!!
तलवारों की धार,लगायें खूब निशाना!
होता है जब युद्ध, बनी वीरों का बाना! !
होती है तलवार, बनी चाहे लोहे की!
होती है पर धार,तेज उससे दोहे की! !
रमेश शर्मा.

1 Like · 217 Views
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