दोहा-मेरे पापा काम के
दोहा-मेरे पापा काम के
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पापा मेरे काम के,क्या जानें संसार।
जब धरा पर जन्म लिए,
किया तभी उपकार ।।
अपने बच्चों को कभी,
करते नहीं निराश।
कष्ट उनके सभी मिटें,
जो करते विश्वास।।
सारे सुख देकर हमें,
सदा दिया है मान।
खुशियां सारी दें हमें
समझे अपनी शान।।
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर उ०प्र०