दोहा मुक्तक -*
दोहा मुक्तक -*
पहले सपना देखिए,फिर करिए साकार।
बिना स्वप्न तो जिंदगी ,लगती है बेकार।
संसाधन के नाम पर,अश्रु बहाना छोड़,
तिनका ही पर्याप्त जो,डूब रहा मझधार।।
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दोहा मुक्तक -*
पहले सपना देखिए,फिर करिए साकार।
बिना स्वप्न तो जिंदगी ,लगती है बेकार।
संसाधन के नाम पर,अश्रु बहाना छोड़,
तिनका ही पर्याप्त जो,डूब रहा मझधार।।
डाॅ. बिपिन पाण्डेय