Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2024 · 1 min read

दोहा-प्रहार

हिंदी दोहा दिवस , विषय – प्रहार

#राना कर सकती कलम , जाकर वहाँ प्रहार |
जहाँ व्यवस्था लूट का , करती हो व्यापार ||

अब प्रहार दिखते नहीं , #राना है बकवास |
संसद के अब शोर में , भौंचक रहे विकास ||

जाति धर्म के नाम पर , चलते यहाँ प्रहार |
नहीं प्यार की बात है , #राना बस तकरार ||

बार – बार घटना घटे , नहीं करें उपचार |
#राना बस भाषण चलें , जिसमें दिखे प्रहार ||

#राना हम सबको सुनें , भाषण लच्छेदार |
सत्ता और विपक्ष में , #राना चलें प्रहार ||

#राना सोता मैं रहा , फिर भी हुआ प्रहार |
उठ बैठा में छींक दे , सूँघा मिर्च बघार ||
***
दोहाकार -✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

2 Likes · 147 Views
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all

You may also like these posts

प्यार की दरकार
प्यार की दरकार
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अपराजिता
अपराजिता
Shashi Mahajan
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
Arghyadeep Chakraborty
आज के रिश्ते में पहले वाली बात नहीं रही!
आज के रिश्ते में पहले वाली बात नहीं रही!
Ajit Kumar "Karn"
"हद"
Dr. Kishan tandon kranti
“मिल ही जाएगा”
“मिल ही जाएगा”
ओसमणी साहू 'ओश'
शुभ दीपावली
शुभ दीपावली
Dr Archana Gupta
** पर्व दिवाली **
** पर्व दिवाली **
surenderpal vaidya
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मैं हर रोज़ देखता हूं इक खूबसूरत सा सफ़र,
मैं हर रोज़ देखता हूं इक खूबसूरत सा सफ़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बिटिया  घर  की  ससुराल  चली, मन  में सब संशय पाल रहे।
बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मूकनायक
मूकनायक
मनोज कर्ण
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
आर.एस. 'प्रीतम'
एक बने सब लोग
एक बने सब लोग
अवध किशोर 'अवधू'
पानी जैसा बनो रे मानव
पानी जैसा बनो रे मानव
Neelam Sharma
दीवाना हर इंसान होगा
दीवाना हर इंसान होगा
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
सत्य कुमार प्रेमी
Beyond The Flaws
Beyond The Flaws
Vedha Singh
मतदान
मतदान
Aruna Dogra Sharma
गीतिका
गीतिका
जगदीश शर्मा सहज
"मैं सोच रहा था कि तुम्हें पाकर खुश हूं_
Rajesh vyas
दुआएं
दुआएं
Santosh Shrivastava
खाने पुराने
खाने पुराने
Sanjay ' शून्य'
गुरूता बने महान ......!
गुरूता बने महान ......!
हरवंश हृदय
शुरुवात
शुरुवात
पूर्वार्थ
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
Ranjeet kumar patre
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
2565.पूर्णिका
2565.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*चलो नहाऍं आज चाँदनी में घूमें हम दोनों (मुक्तक)*
*चलो नहाऍं आज चाँदनी में घूमें हम दोनों (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बेरंग होते रंग
बेरंग होते रंग
Sarla Mehta
Loading...