दोहा- छवि
हिन्दी दोहा-
मन में छवि हरि की बसी , राधा हुई निहाल |
सोते में भी जागरण , #राना दिखे कमाल ||
मीरा को भी देख लो , #राना दृश्य कमाल |
पति की छवि में देखती , वंशीधर गोपाल ||
ईश्वर की छवि देखिए , जहाँ सत्य ईमान |
#राना सच है बोलता , कर लीजे पहचान ||
अपनी छवि निज हाथ में , कर्म कीजिए नेक |
#राना जग वंदित करे , झुके माथ हर एक ||
शंकर छवि अवधूत है , भोला पाया नाम |
महादेव #राना कहे , करता सदा प्रणाम ||
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दोहाकार✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
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