दोस्त
दोस्त तो वो होते हैं जिन्हें हम द़िलो जान से चाहते हैं।
जिनकी की ख़ुशी में हम ख़ुश होते हैं।
और जिनके ग़मज़दा होने पर हम उनका ग़म बाँटते हैं।
उनसे हमारा रिश़्ता किसी नफ़े या खुदग़र्ज़ी का म़ोहताज नहीं होता।
हमारा दिल तो उनकी हमारे लिए फिक्र का तल़बग़ार होता है ।
हमारी मुसीबत के लम्ह़ों में वे ढाल बनकर हमारे बचाव के लिए आम़ादा रहते हैं।
हमें हर बुराई और साजिश़ से आग़ाह करते रहते हैं।
वक्त आने पर अपना सब कुछ लुटा कर भी हमें ख़ुशहाल देखना चाहते हैं ।
ऐसे दोस्त इस दुनिया में बहुत ही विरले और बेम़िसाल होते हैं।