दोस्त
एक दोस्त वो होते हैं,
जिनके साथ हम बड़े होते हैं।
और एक दोस्त वो होते हैं,
जिनके साथ हम बूढ़े होते हैं।
एक दोस्त के साथ छड़ी खाते हैं,
तो दूसरे के साथ छड़ी बांटते हैं।
एक दोस्त अपनी मजबूत हाथों का सहारा देता है
तो दूसरा कांपती हाथों का।
एक के साथ खेल और खिलौने बांटते हैं,
तो दूसरे के साथ दर्द।
एक के कंधे पर चढ़ हम स्कूल की दीवार फांदते हैं,
तो दूसरे के कंधे पर चढ़ दुनिया की।
दोस्तों के साथ हंसते – खेलते बड़े तो सभी होते हैं,
पर दोस्तों के साथ हंसते – खेलते बूढ़ा होने की बात ही और है।
दांत खट्टा होने तक कच्चे कैरी खाने का मजा कुछ और होता है,
बिना दांत के चटखारे ले चाट खाने का मजा कुछ और होता है।
सच में दोस्त, दोस्त होता है और हर उम्र की जरूरत होता है।