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20 Feb 2023 · 1 min read

#दोस्त

● लिपि देवनागरी और भाषा पंजाबी है इस गीतिका की ●

★ #दोस्त ★

करके दिल दे हज़ार टुकड़े
राग नवां छेड़या
दुश्मनां दा कंम अधूरा
दोस्तां नबेड़या

दुश्मनां दा कंम अधूरा . . .

आसां-उमीदां दी गली
पैर जद धरया असीं
रस्मां-रिवाज़ां बंदिशां
अग्गे हो के बूहा भेड़या

दुश्मनां दा कंम अधूरा . . .

साहां दे आउण-जाण दा
नाम जेकर ज़िंदगी
की बुलाइये उसनूं कह के
जो शौक असां सहेड़या

दुश्मनां दा कंम अधूरा . . .

फुल्लां दी राखी कंडयां नूं
मंज़ूर एह दस्तूर है
नहीं मंज़ूर जे लहू असाडे
हथ्थ उनां लबेड़या

दुश्मनां दा कंम अधूरा . . .

ग़मां बग़ैर ज़िंदगी
परबतां ते सिप्पियां
कई जुगां तों तरथल्लियां
धरती नूं नहीं उधेड़या

दुश्मनां दा कंम अधूरा . . .

ऐ दोस्त ! वक्त ठहर ज़रा
सिर दा बोझ छंड लवां
ख़्वाबां नूं हकीकतां तों
अजे मैं नहीं नखेड़या

दुश्मनां दा कंम अधूरा . . . ।

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Punjabi
159 Views
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