– सहेली –
-सहेली-
मन की बात एक दूसरे को बतलाती,
वो इस दुनिया में सहेली कहलाती,
हो जाती अगर कभी निराश तो,
झट से दौड़कर जिसके पास जाती,
अपनी व्यथा जिसे सुनाती,
वो इस दुनिया में सहेली कहलाती,
अपने मन की जिसे सुनाती,
वो इस दुनिया में सहेली कहलाती,
बिना कहे जो सब जान जाती,
वो इस दुनिया में सहेली कहलाती,
अपनी सखी का दुख जान जाती,
वो इस दुनिया में सहेली कहलाती,
बहनों जैसा एक दूसरे पर प्यार लुटाती,
वो इस दुनिया में सहेली कहलाती,
एक दूजे की जान है ऐसा वो प्यार जताती,
वो इस दुनिया में सहेली कहलाती,
जाती जब ससुराल अपने,
आती जब बाबुल के आंगन में ,
तब जिसके लिए दौड़ी आती,
वो इस दुनिया में सहेली कहलाती,
आपस में लड़ती झगड़ती पर किसी को,
न लड़ने देती अपनी सखी से,
सखी रही इस दुनिया में एक अच्छा नाम,
वो इस दुनिया में सहेली कहलाती,
✍️✍️✍️भरत गहलोत
जालोर राजस्थान,
संपर्क सूत्र-7742016184-