दोस्त
ऐ दोस्त! सुनो,
तुमही तो हो जो सुनते हो
मेरी सभी बातों को
दुनियाँ भर की बकैती हो या
पी एम बनने के सपने
काम की थकान या मस्ती भरे किस्से,
अधूरे रहते है सभी
जब तक बोल न दूँ सब कुछ तुमसे
तुम्हारे साथ ही तो साझा है
मेरा गुढ़ा से गुढ़ा रहस्य
तुमही मेरे रहस्य रक्षक हो
सीरियस ब्लैक के जैसे।
कोई दुःख या ख़ुशी आए या जाए
तब तक तुम हो सब चंगा सी।
-अटल©