दोस्त है बेमिसाल
ये मेरे दोस्त
ये मेरे हम सफर,
तूने दोस्ती
निभाई है बेमिसाल।
हाथो में लेके हाथ
तूने दिया जो साथ,
इस अजनवी शहर में
एक कहानी बनाई है।
जिंदगी के ज्वार भाटे
न जाने कितने आये,
मेरे दामन को वो
कभी छु न पाये।
चलती ही जा रही हूँ
तेरे साथ का सहारा,
कहते हो तुम ये मुझसे
सिखाया तुमने जीना।
ये कैसी दोस्ती है बस
एक दूसरे की है चिंता,
गगन से आसमां तक
बस साथ तेरा भाये।
न दूर तुमसे जाऊ ,
न दूर मुझसे जाए।
आज जो भी पाई है
मैंने कामयाबी
खूब निभाया साथ
लिखी नई कहानी।
तभी तो कहती
हूँ आज मैं शान से,
ये दोस्ती निभाई है
तूने बेमिसाल।।