दोस्त मेरे
कुछ सिकुड़ गए हैं
कुछ जकड़ गए हैं
दोस्त मेरे
हैं आज भी वैसे ही
दिल खुश कर देते हैं
हालचाल पूंछ कर
ताजा हो जाते है अहसास
सूरज का डूबना फिर से
अच्छा लगता है
पक्षियों के कलरव में
अपनों के साथ बिताए
उन्माद के क्षण
इस सिकुड़न और जकड़न
से परे एक खूबसूरत दुनिया थी
निखिल ब्रह्मांड मात्र
एक गांव बन के रह गया
विपिन बिहारी गोयल
21जुलाई 2021