दोस्त मेरे यार तेरी दोस्ती का आभार
दोस्ती एक ऐसा छोटा सा शब्द है लेकिन इस शब्द की ताकत का पता तब होता है जब दोस्त का साथ मिलता है दोस्त साथ हैं तो कोई भी पूरी दुनिया के साथ टकरा जाता है।
ऐसे कई उदाहरण है दोस्ती के साथ, साथ होने मात्र से लड़ने का कुछ कर दिखाने का हौसला मिलता है।
१ महाभारत में दुर्योधन व कर्ण की दोस्ती का संयोग ऐसा था की धर्म – अधर्म की चिन्ता ना करते हुए अपनी जान की परवाह किये भगवान से भी युद्ध करने को सजय हो गये।
२ आजादी के लिए भगत सिंह ने अपने दोस्तों के साथ होने पर फासी के फंदे को भी हँस्ते – हँस्ते चूम लिया था।
ऐसे बहुत से उदाहरण है जिस से दोस्ती का आभास मात्र से अपने मन मस्तिक मे एक अलौकिक शान्ति उत्पन्न होती हैं दोस्त के सामने अपने दिल की बात कहने से जो शान्ति प्राप्त होती हैं उसे शब्दों में कहना मुश्किल है।
दोस्ती आभास है, दोस्ती विश्वास है, दोस्ती आस है, दोस्ती दिल के पास है, चेहरे पर मुस्कान है दोस्ती, स्वाभिमान व अभिमान है दोस्ती
मे ऐसे ही अपने दोस्ती का किस्सा सुनता हूँ
अपने सभी दोस्तों का आभार प्रकट करता हूँ
कुछ सालों पहले बीता अपना किस्सा सुनाता हूँ
जीवन की शुरुआत मे दोस्ती का साथ सुनाता हूँ
मेरे जीवन की घडी थी, दिल्ली की वो पतली गली थी
पैसों की कमी थी, माफ करिये! यू कहू की पैसे थे ही नहीं थे
घर से 1500 रु. लाया था, पर यहाँ 2500 तो फीस पाया था
दोस्तों ने संयोग दिया था, मै पूरे तीन महीनें दिल्ली मे रहा था
कोर्स पूरा किया था, दोस्त तुझसे उम्मीद से ज्यादा मुझे मिला था
आज जो हूँ, मे तुमसे ही हूँ, दोस्त मेरे यार तेरी दोस्ती का आभार
अनिल चौबिसा
9829246588