दोस्त ना दुश्मन ही सही
दोस्त ना दुश्मन ही सही? पर तेरे ज़ेहन में तो हूँ?
नज़र संभाल के तो देखा ज़रा.
मैं हूँ ओ ख़ुशी का साया,
जो तेरे कहीं इर्द-गिर्द ही तो हूँ ?
शायर- किशन कारीगर
©सर्वाधिकार सुरक्षित
दोस्त ना दुश्मन ही सही? पर तेरे ज़ेहन में तो हूँ?
नज़र संभाल के तो देखा ज़रा.
मैं हूँ ओ ख़ुशी का साया,
जो तेरे कहीं इर्द-गिर्द ही तो हूँ ?
शायर- किशन कारीगर
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