Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

दोस्त तुम अलग हुए

दोस्त तुम अलग हुए
और फिर बदल गए
कब मिले,कहाँ मिले
याद भी नहीं रहा
स्कूल का वो फेयरवेल
जब लगा,पहली दफ़ा
हम ज़रा सा ही सही,
हाँ मगर बिछड़ गए,
कौन, किस तरफ गया
याद भी नहीं रहा,
इस तरह से दोस्ती
का सिलसिला खतम हुआ।

1 Like · 64 Views
Books from Shweta Soni
View all

You may also like these posts

अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
VINOD CHAUHAN
लड़ाई
लड़ाई
Shashank Mishra
कमी नहीं
कमी नहीं
Dr fauzia Naseem shad
"लावा सी"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
रास्ता तुमने दिखाया...
रास्ता तुमने दिखाया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
sudhir kumar
कंटक जीवन पथ के राही
कंटक जीवन पथ के राही
AJAY AMITABH SUMAN
मैं अवनि...
मैं अवनि...
Santosh Soni
3435⚘ *पूर्णिका* ⚘
3435⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
व्यथित मन
व्यथित मन
सोनू हंस
शिक्षकों को प्रणाम
शिक्षकों को प्रणाम
Seema gupta,Alwar
हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।
हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।
Kumar Kalhans
এটা আনন্দ
এটা আনন্দ
Otteri Selvakumar
अपना  निर्णय  आप  करो।
अपना निर्णय आप करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मईया कि महिमा
मईया कि महिमा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"The Divine Encounter"
Manisha Manjari
पिता
पिता
विजय कुमार अग्रवाल
बाल कविता : बादल
बाल कविता : बादल
Rajesh Kumar Arjun
पिता की लाडली तो हर एक बेटी होती है, पर ससुर जी की लाडली होन
पिता की लाडली तो हर एक बेटी होती है, पर ससुर जी की लाडली होन
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
~ इंसाफ की दास्तां ~
~ इंसाफ की दास्तां ~
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
पता पुष्प का दे रहे,
पता पुष्प का दे रहे,
sushil sarna
चाँद ने एक दिन चाँदनी से कहा
चाँद ने एक दिन चाँदनी से कहा
कुमार अविनाश 'केसर'
रिश्ते के सफर जिस व्यवहार, नियत और सीरत रखोगे मुझसे
रिश्ते के सफर जिस व्यवहार, नियत और सीरत रखोगे मुझसे
पूर्वार्थ
तेरी ये बिंदिया
तेरी ये बिंदिया
Akash RC Sharma
.
.
*प्रणय*
ग़ज़ल _ बादल घुमड़ के आते , ⛈️
ग़ज़ल _ बादल घुमड़ के आते , ⛈️
Neelofar Khan
समय (कविता)
समय (कविता)
Indu Singh
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
क्या -दीया जलाना मना है
क्या -दीया जलाना मना है
शशि कांत श्रीवास्तव
Loading...