दोस्ती
शीर्षक – दोस्ती
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दोस्त और दोस्ती निःस्वार्थ होती हैं।
आज आधुनिक परिवेश में हम सब हैं।
हां दोस्ती एक एहसास और एतबार हैं।
सच और सोच हमारी अपनी होती हैं।
दोस्ती एक राह और हकीकत होती हैं।।
हमारे जीवन में हम सभी की दोस्ती हैं।
दोस्त और दोस्ती आज शब्दों में होती हैं।
जीवन और जिंदगी में साथ निभाते हैं।
बस यही हमारी दोस्ती की पहचान होती हैं।
दोस्ती ही जीवन में संग साथ निभाते हैं।
आओ हम सब दोस्तों दोस्ती निभाते हैं।
एक सच और सही सोच दोस्ती की बताते हैं।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र