दोस्ती
कौन कहता है मेरे पास नहीं हैं पैसे,
मेरी दौलत तो हैं ये दोस्त नगीने जैसे।।1।।
मुझे हर बार मुसीबत से निकला करते,
मैं गिर जाऊँ तो मुझको हैं सम्हाला करते।।2।।
है मुझे फ़ख्र मैं हूँ दोस्तों की छाया में,
वो मुझे कहते है अपना हूँ नहीं पराया मैं।।3।।
आज खुश हूं मैं बहुत मुझको ज़माना देखो,
है मेरे पास दोस्ती का खजाना देखो।।4।।
स्वरचित
तरुण सिंह पवार