अनोखा रिश्ता दोस्ती का
इस खुशहाल, सम्पन्न हयात में
सहचर का होना होता जरूरी
इनके बिन न लगता मन हमारा
दोस्ती का रिश्ता बड़ा अनमोल ।
दोस्तों के संग पढ़ते – लिखते
उन्हीं के मेल में खेलते – कूदते
उनके बिना अक्सर चित्त हमारा
खोया -खोया सा लगता भव में ।
सुह्रद भी हम सबों को सदा
सोच समझकर करनी चाहिए
उत्तम लोगों से ही हमे सदा
करनी चाहिए अन्तरंग हमेशा ।
दोस्तों के साथ मिलजुल कर
पढ़ने से बढ़ता ढेर सारा ज्ञान
सुह्रद का धागा इस जगत में
होता बड़ा अमूल्य दुनिया में ।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार