दोस्ती
जब मिलते थे हम यारों से,
वो यारी हमारी बुलाती हैं…
वो बातें हमारी दोस्ती की,
आज भी याद आती हैं…
बिन बोले ही सब बातें,
दोस्ती इशारों से समझाती है…
एक दूसरे की तकलीफे तो,
आँखों के दर्पण में दिख जाती हैं…
तुझसे हुई प्यार भरी लड़ाई भी,
मुझे आज भी रोते रोते हँसाती हैं..
बरसों पुराने यारों से,
मिलने के ख़्वाब सजाती हैं…
सब लम्हें फ़िर से जीने को,
मेरी दोस्ती तुझे बुलाती हैं…
पायल पोखरना कोठारी