दोस्ती
******* दोस्ती *******
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खुदा के जो करीब होता है
जिसे दोस्त नसीब होता हैं
चाहे रंक हो या फिर रईस
बराबरी का हबीब होता है
तेरी दोस्ती मेरा खजाना है
जिंदगी में बणिक होता है
देखते ही रूह खिल जाए
मात्र दर्शन हसीन होता है
स्नेह से भरपूर है मित्रता
रिश्ता रमणीक होता है
संकटघड़ी में हो पहचान
साथ खड़ा मित्र होता है
कृष्ण सुदामा ,राम सुग्रीव
जैसे संबंध पुनीत होता है
दुख सुख का होता साथी
सखा ही मनमीत होता है
खुल के निकलते हैं भाव
दिल की वो प्रीत होता है
सुखविंद्र मित्रों से सरोबार
मन में रचा रफ़ीक होता है
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
सुदामा और कृष्ण मेल