दोस्ती
कुछ नया कर चलो दोस्तों को गुदगुदाते है,
मायूसी मिटा चेहरे की मुस्कान पुनः लौटाते है,
उनके दिल के मौसम को ख़ुशनुमा बनाते है
बाँध उनके ग़मो की पोटली दरियाँ में बहाते है,
चुन उनके दिल से काँटे मन में फ़ूल उगाते है,
भुला के उन्हें उदासी खुशियों की डगर ले जाते है,
जिस राह पे वो चले उस राह में फ़ूल बिछाते है,
उनके अपनों को भी उन्हीं के पथ पे लाते है,
उनकी मुस्कराहट से चमन में बहार लाते है,
गुज़रे वो जिन राहों से ख़ुशबू का इत्र लगाते है,
चलो दोस्तों की ज़िन्दगी को गुदगुदाते हैं।।
मुकेश पाटोदिया”सुर”